2021 KI BEST POEM | चलो हम उस मुकाम चलते हैं | CHALO HUM US MUKAM CHALTE HAIN | on google | In hindi | in india | Nandkishor patel "NANDAN"
चलो हम उस मुकाम चलते हैं. . . . . . . ।
जहां इंसानियत ही इक धर्म हो,मानवता सबका कर्म हो,
जहां बेटे-बेटी में कोई फर्क न हो,
सबका जीवन स्वर्ग न सही, पर किसी का जीवन नर्क न हो,
जहां बेटे-बेटी में कोई फर्क न हो,
सबका जीवन स्वर्ग न सही, पर किसी का जीवन नर्क न हो,
चलो हम उस मुकाम चलते हैं . . . . . . . ।। 1 ।।
जहां स्वर्ण सा सुनहरा दिन, चांदी सी चमकती रात हो,
हांथो में हाँथ सब इकदूजे के साथ हों, बस मोहब्बत की बात हो,
इंसानों की भावनाओ में जहां ऐसे सपने पलते हैं
चलो हम उस मुकाम चलते हैं . . . . . . . ।। 2 ।।
जहां महाराज बली सा दानी, रावण सा ज्ञानी हो,
जहां निवेदिता सी बहनें, हुमायूँ सा भाई हो,
जहां कर्ण जैसे मित्र, श्रवण जैसे पुत्र हों,
जहां गुरु परशुराम जैसा शक्त हो, प्रहलाद जैसा भक्त हो,
जहां नारी में सीता/राधा, नर में राम और श्याम मिलते हैं,
चलो हम उस मुकाम चलते हैं . . . . . . . ।। 3 ।।
जहां निवेदिता सी बहनें, हुमायूँ सा भाई हो,
जहां कर्ण जैसे मित्र, श्रवण जैसे पुत्र हों,
जहां गुरु परशुराम जैसा शक्त हो, प्रहलाद जैसा भक्त हो,
जहां नारी में सीता/राधा, नर में राम और श्याम मिलते हैं,
चलो हम उस मुकाम चलते हैं . . . . . . . ।। 3 ।।
वे-शक तुम मछली होगी मनसोवर की,हम वो घोंघें है जो गम के सागर में पालते हैं,
जीवन संघर्षों का दीपक है, हम बाती बनकर जलते हैं,
सुना है सबसे ज्यादा शान्ति वहां मिलती है,
जहां मरने के बाद लोग जलते हैं
चलो हम उस मुकाम चलते हैं . . . . . . . ।। 4 ।।
नंदकिशोर पटेल " नन्दन "
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