मैंने बेटी में कुछ अद्भुत देखा है | MAINE BETI ME KUCHH ADBHUT DEKHA HAI. BETI PAR BEST KAVITA..... BY - NANDKISHOR PATEL NANDAN.......... on google | in india | hindi poem
मैंने बेटी में कुछ अद्भुत देखा है ||
भरी जवानी में,
जो बेटा-बेटा करते थे,
अपने दुखी बुढ़पे मे,
उनके बेटों को सुख से सोते देखा है |
नफरत करते थे, जिस बेटी से,
आज रात उसे, उनके सिरहाने
बैठा रोते देखा है |
मैंने बेटी में कुछ अद्भुत देखा है ||1||
व्याह हुआ ससुराल गई,
अनजानों में वहां लुटाने , वो अपना प्यार गई,
वीरानों में खड़ा किया, उसने अपना मधुवन है ,
अनजानों से भी उसे, कितना अपनापन है |
फिर भी नहीं पूछता कोई क्या उसका मन है,
उसके मुस्काते चहरे में,
मैंने उसके एकाकीपन को देखा है |
मैंने बेटी में कुछ अद्भुत देखा है ||2||
By - नन्दकिशोर पटेल (नंदन)
study at 1st year (B.H.M.S.)
S.P.H. MEDICAL COLLAGE & HOSPITAL, Chhatarpur (M.P.)
mob. no. - 7000176647
add.- village & post soura , teh. chhataepur, dist. chhatarpur [m.p.]
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